भाषा मनोविज्ञान और इसके रूप | REET 2022

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भाषा मनोविज्ञान और इसके रूप | REET 2022 : – इस पोस्ट में Bhasha Manovigyaan तथा इसके अनेक रूपों के बारे में, जैसे की मातृभाषा, बोली, राजभाषा, राष्ट्रभाषा तथा प्रादेशिक भाषा के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें। इसमें इस अध्याय से सम्बंधित कुछ महत्तवपूर्ण प्रश्नों का समान्कलन किया गया है।


भाषा मनोविज्ञान Bhasha Manovigyaan

  • एक बालक में भाषा किस प्रकार से विकसित होती है इसे भाषा मनोविज्ञान कहा जाता है।
  • भाषा मनोविज्ञान की 3 सोपान है-
    1. जिज्ञासा
    2. अनुकरण
    3. अभ्यास

जिज्ञासा ( भाषा का जन्म )

एक बालक जिस परिवार या वातावरण में जन्म लेता है वह उसी परिवार या वातावरण के लोगों द्वारा बातचीत के आधार पर होने वाले व्यवहार को देखता है तो उसमें ऐसा ही करने की जिज्ञासा उत्पन्न होती है और उस जिज्ञासा के वशीभूत होकर वह भी उसी प्रकार की ध्वनि प्रकट करने का प्रयास करता है।

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अनुकरण Bhasha Manovigyaan

जब एक शिक्षक की भांति परिजन उस बालक को किसी ध्वनि के सहज उच्चारण सुनाते हैं तो मैं बालक सीखने वाले की भांति उनका अनुकरण करते हुए उसी प्रकार का उच्चारण करने का प्रयास करता है इस अनुकरण से उसमें शब्दों का बोलना पैदा हो जाता है।

अभ्यास ( भाषा विकास कारक )

जब किसी बालक में किसी शब्द का उच्चारण पैदा हो जाता है तो है उसका बार-बार अभ्यास करते हुए उन शब्दों को स्थाई बना लेता है और इस प्रकार से एक बालक में भाषा का विकास हो जाता है।

भाषा के रूप ( Bhasha Manovigyaan )

मातृभाषा Bhasha Manovigyaan

एक बालक सबसे पहले मां के द्वारा बोले जाने वाले शब्दों को बोलना सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। मां को बालक की प्रथम गुरु और परिवार बालक की पहली पाठशाला होती है।

बोली

हमारे देश में ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक 36 किलोमीटर की दूरी पर शब्द बदल जाते हैं और स्थानीय शब्दों का उपयोग होता है। जिसमें शुद्धता अशुद्धता, शब्द या वाक्य विन्यास का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है एवं कोई विशेष शब्दकोश, व्याकरण आदि नहीं होता है तथा क्षेत्रीय व्यवहार में क्षेत्रीय शब्दों का प्रयोग होता है इसे बोली कहते हैं।

प्रादेशिक भाषा

किसी प्रदेश विशेष में बोली जाने वाली अथवा व्यवहार में आने वाली भाषा जिसका अपना एक अस्तित्व होता है समय की लिपि होती है। व्याकरण एवं साहित्य होता है व्यवस्थित शब्दकोश होता है। तथा संविधान के द्वारा भाषा के रूप में मान्य होती है। जैसे गुजराती, मराठी, मलयालम, तमिल।

राजभाषा Bhasha Manovigyaan

उस भाषा को किसी भी राज्य या राष्ट्र की राजभाषा कहा जाता है जिसमें वहां के सरकारी कामकाज होते हैं। भारत में 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा बनाया गया। प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी राजभाषा होने का उल्लेख है।

राष्ट्रभाषा

किसी भी राष्ट्र की राष्ट्रभाषा का गौरव उस भाषा को प्राप्त हो सकता है जिसको बोलने वाले लोग कुल जनसंख्या के दो तिहाई तथा समझने वाले लोग तीन चौथाई होते हैं। भारत देश में ऐसी कोई भाषा नहीं है

Note :- Ncf-2005 के त्रिभाषा सूत्र से ऐसी उम्मीद लगाई जा सकती है कि आने वाले कुछ वर्षों बाद हिंदी इस का दर्जा प्राप्त कर सकती है अर्थात् हिंदी राष्ट्रभाषा बन सकती है।

भाषा मनोविज्ञान से सम्बंधित महत्तवपूर्ण प्रश्न

  1. मातृभाषा से अभिप्राय है –
    1. वातावरण की भाषा
    2. माँ के द्वारा बोले जाने वाले शब्द
    3. परिजनों की भाषा
    4. क्षेत्र विशेष की भाषा
  2. निम्न में से प्रादेशिक भाषा नहीं है –
    1. राजस्थानी
    2. मलयालम
    3. पंजाबी
    4. तमिल
  3. ” 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी तिथि को 1949 में हिंदी को भारत की राजभाषा बनी।” जिसका उल्लेख है –
    1. अनु. 21
    2. अनु. 443
    3. अनु. 334
    4. अनु. 343

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