महिला एंव बाल अपराध के महत्तवपूर्ण तथ्य | Rajasthan Constable Exam 2022

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महिला एंव बाल अपराध के महत्तवपूर्ण तथ्य | Rajasthan Constable Exam 2022 : – हमने पिछले पोस्ट में Mahila Or Baal Apraadh से सम्बंधित महत्तवपूर्ण प्रश्नों का अध्ययन किया। इस भाग में हम Mahila Or Baal Apraadh के कुछ महत्तवपूर्ण तथ्यों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।


हिंसा

  • स्वंय, किसी व्यक्ति, समूह या समुदाय के विरुद्ध उन्हें किसी प्रकार के मानसिक या शारीरिक चोट पंहुचाने के लिए जान- बुझकर किये गए शक्ति का प्रयोग हिंसा कहलाता है।

अपराध

  • जान-बुझकर किया गया ऐसा कोई भी काम जो समाज विरोधी हो या किसी भी प्रकार से समाज द्वारा निर्धारित आचरण का उल्लंघन करता हो या भारतीय दंड संहिता के अन्दर कानून द्वारा निर्धारित दंड दिया जाता हो अपराध कहलाता है।

भारतीय दंड संहिता

सर्वप्रथम वर्ष 1950 में, भारतीय संविधान में बच्चों तथा महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया । भारतीय संविधान राज्य को यह अधिकार देता है की वह स्त्रीयों और बालको के कल्याण के लिए विशेष उपाय कर सकता है ।

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भारतीय दंड संहिता 1860 – एक व्यापक कानून है जो भारत में आपराधिक कानून के वास्तविक पहलुओं को शामिल करता है । यह भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये अपराधों के बारे में बताता हिया एंव उनमे से प्रत्येक के लिए सजा और जुर्माना बताता है । भारतीय दंड संहिता पुरे भारत में लागू है ।

भारतीय दंड संहिता की धाराएँ ( Mahila Or Baal Apraadh )

  • धारा 294 – सार्वजनिक स्थान पर बुरी-बुरी गलियां देना एंव अश्लील गाने आदि बजाना या गाना, जो सुनने में बुरे लगते हो।
  • धारा 304 B – किसी महिला की मृत्यु उसका विवाह होने की दिनांक से 7 वर्ष की अवधि के अंदर उसके पति या पति के संबंधियों द्वारा दहेज़ सम्बन्धी मांग के कारण क्रूरता या प्रताड़ना के फलस्वरूप सामान्य से अलग हुई हो।
  • 306 – किसी व्यक्ति द्वारा किये गए कार्य ( दुष्प्रेरण ) के फलस्वरूप की गई आत्महत्या।
  • धारा 313 – महिला की इच्छा के विरुद्ध गर्भपात करने के उद्देश्य से किये गए कृत्य द्वारा महिला की मृत्यु हो जाना।
  • धारा 307 – हत्या की कोशिश करना।
  • 302 – हत्या का दंड।
  • धारा 376 – बलात्कार।
  • 376 ( B ) – पति द्वारा पत्नी से अलग होने की स्थिति में पति द्वारा पत्नी की सहमती के बिना उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाना, बलात्कार माना जायेगा।
  • धारा 376 A B – 12 वर्ष से कम उम्र की स्त्री के साथ बलात्कार।
  • धारा 376 ( D ) – सामूहिक बलात्कार।
  • 377 – अप्राकृतिक कृत्य।
  • धारा 365 – अपहरण।
  • धारा 201 – सबूत मिटाना।
  • 300 – हत्या करना ।
  • धारा 309 – आत्महत्या की कोशिश ।
  • धारा 312 – गर्भपात करना ।
  • 354 – स्त्री की लज्जाभंग करना ।
  • धारा 354 ( घ ) – महिलाओं का पीछा ।
  • धारा 3 – दहेज़ लेने या देने का अपराध।
  • दहेज़ निषेध अधिनियम 1961 ( संशोधित 1986 ) 4 – दहेज़ की मांग के लिए जुर्माना।
  • भारतीय दंड संहिता में महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान है की – किसी भी महिला आरोपी को बिना किसी महिला कांस्टेबल के शाम 6 बजे के बाद अथवा सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नही किया जा सकता है ।

बाल लैंगिक अपराध से जुड़े कुछ महत्तवपूर्ण तथ्य Mahila Or Baal Apraadh

  • यह एक वास्तविक तथ्य है की दुनियाभर में रोजाना लाखों बच्चे किसी न किसी रूप में लैंगिक अपराध के शिकार होते है।
  • ऐसे घटनाएं न केवल पीड़ित को प्रभावित करती है बल्कि परिवार समुदाय और समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।
  • बालकों को ऐसे अपराधों से न्याय दिलवाने तथा अपराधियों में भय पैदा करने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2012 में यौन अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 पारित किया गया जिसे पोक्सो एक्ट के नाम से जाना जाता है ।
  • यह अधिनियम अनेक प्रकार के बाल यौन शोषण को अपराध के रूप में परिभाषित करता है तथा ऐसे मामलों में निपटान हेतु प्रक्रिया तंत्र की भी स्थापना करता है।

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