RPSC 1st Grade History syllabus in hindi pdf download – RPSC द्वारा स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाता है | विभाग ने व्याख्याता पद के लिए सभी विषयों के पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को अपनी विभागीय वेबसाइट पर इंग्लिश में अपलोड कर रखा है| इंग्लिश भाषा में सलेबस होने के कारण अभ्यर्थियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है | परिणामत: अभ्यर्थी इन्टरनेट पर RPSC 1st Grade History Syllbus in Hindi सर्च करते है | इसलिए हमने अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए इस पोस्ट में History Syllabus उपलब्ध करवाया गया है | और इसके साथ ही आप सलेबस की PDF Download भी कर सकते हो |
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परीक्षा की योजना ( RPSC 1st Grade History Syllabus in Hindi ) –
- पेपर में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न होंगे |
- उत्तर के मूल्यांकन में नकारात्मक अंकन लागू होगा।
- नकारात्मक अंकन 1/3 लागू रहेगा |
- पेपर की अवधि 3 घंटा होगी |
क्रम संख्या | विषय | प्रश्नों की संख्या | कुल अंक |
---|---|---|---|
1. | इतिहास ( उच्च माध्यमिक स्तर ) | 55 | 110 |
2. | इतिहास ( स्नातक स्तर ) | 55 | 110 |
3. | इतिहास ( स्नातकोत्तर स्तर ) | 10 | 20 |
4. | शैक्षिक मनोविज्ञान, शिक्षा शास्त्र, शिक्षण सामग्री, शिक्षण में कम्पूटर और सुचना प्रौधिगिकी का उपयोग | 30 | 60 |
कुल | 150 | 300 |
इतिहास ( उच्च माध्यमिक स्तर ) ( RPSC 1st Grade History Syllabus in Hindi ) –
- प्राचीन भारतीय संस्कृति की मुख्य विशेषताएं |
- भारत की भौगोलिक विशेषताएं और भु-सामरिक सीमाएं |
- पूर्व एतिहासिक काल |
- सिन्धु और वैदिक संस्कृतियाँ, शहरीकरण, राजनीति, साहित्य का समाज विकास, दर्शन, धर्म और नैतिकता |
- महाजनपद काल- जैन धर्म, बौद्ध धर्म और पुराण सम्प्रदाय |
- सल्तनत काल- राज्य, राज्य व्यवस्था, समाज और सांस्कृतिक विकास |
- भक्ति आन्दोलन- सूफीवाद, सांस्कृतिक संश्लेषण |
- भारत में यूरोपीय लोगो का आना –18वीं शताब्दी में भारत की राजनीतिक,सामाजिक और आर्थिक स्थिति |
- 1757 से 1857 तक भारत में ओपनिवेशिक शासन की स्थापना, बंगाल, मैसूर और मराठा प्रतिरोध |
- ब्रिटिश सर्वोच्चता का विकास |
- भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी मुख्य विशेषताएं |
- प्राचीन सभ्यताएं – नील, यूनानी, रोम और चीन |
- इसाई धर्म और इस्लाम का उदय |
इतिहास ( स्नातक स्तर ) ( RPSC 1st Grade History Syllabus in Hindi ) –
- साम्राज्यों का उदय – हर्यंक, मौर्य, शुंग, सातवाहन, गुप्त और वर्धन; राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था, व्यापार और वाणिज्य, कला और वस्तुकला का विकास, साहित्य और विज्ञान |
- राजपूतों राज्यों का उदय – संगम युग |
- विदेश में भारतीय संस्कृति |
- मुग़ल सम्राज्यवाद – राज्य, राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, कला और वास्तुकला का विकास, साहित्य, कृषि, व्यापार और वाणिज्य |
- 1857 से पहले ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय संघर्ष |
- 1857 का विद्रोह – प्रकृति, घटनाएं, महत्तव और परिणाम |
- सामजिक-धार्मिक सुधार – राष्ट्रवाद का उदय, शिक्षा की भूमिका, प्रेस और प्रतिष्ठित नेता |
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम – 1818 से 1919 तक |
- 1858 के बाद भारत का संवैधानिक विकास |
- यूरोप में पुनर्जागरण और सुधार |
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम |
- फ़्रांसिसी क्रांति और नेपोलियन बोनापार्ट |
- ओद्योगिक क्रांति और व्यापारिकता |
- इटली और जर्मनी का एकीकरण |
- प्रथम विश्व युद्ध के लिए अग्रणी परिस्थितियां |
- अधिनायकवाद – नाजीवाद और फांसीवाद |
- द्वितीय विश्व युद्ध – कारण और परिणाम |
इतिहास ( स्नातकोत्तर स्तर ) ( RPSC 1st Grade History Syllabus in Hindi ) –
- चोल, चालुक्य और पल्लव, राजनीति, कला और वस्तुकला के विअकास में उनका योगदान |
- शिवाजी की विजयों और प्रशासन के विशेष सन्दर्भ में सीखों, जाटों और मराठो का उदय |
- गांधीवाद युग – गांधी और राष्ट्रीय आन्दोलन, भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बॉस, मौलाना आजाद, वल्लभ भाई पटेल, सी. राजगोपालाचारी, राजेंद्र प्रसाद और भीम राव आंबेडकर की भुमिका और योगदान |
- मुस्लिम लीग, जिन्ना की भूमिका और भारत का विभाजन |
- यूरोप में उदारवाद, समाजवाद और राष्ट्रवाद का विकास |
- रुसी क्रांति और चीनी क्रांति |
- अंतर्राष्ट्रीयवाद – राष्ट्र संघ और संयुक्त राष्ट्र |
शैक्षिक मनोविज्ञान, शिक्षा शास्त्र, शिक्षण सामग्री, शिक्षण में कम्पूटर और सुचना प्रौधिगिकी का उपयोग –
शिक्षण अधिगम में मनोविज्ञान का महत्तव –
- अधिगमकर्त्ता
- शिक्षक
- सीखने-सिखाने की प्रक्रिया
- स्कुल की प्रभावशीलता |
शिक्षार्थी का विकास –
- किशोर शिक्षार्थी का संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक विकास पैटर्न और विशेषताएँ|
शिक्षण – सीखना –
- सीखने की अवधारणा
- व्यवहार, संज्ञानतमक और रचनावादी सिद्धांत और वरिष्ठ माध्यमिक छात्रों के लिए इसके निहितार्थ
- किशोरों की सीखने की विशेषताएं और शिक्षण के लिए इसके निहितार्थ |
किशोर शिक्षार्थी का प्रबंधन –
- मानसिक स्वास्थ्य और समयोजन समस्याओं की अवधारणा
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव
- किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य के पोषण के लिए मार्गदर्शन तकनीकों का उपयोग |
किशोर शिक्षार्थी के लिए निर्देशात्मक रणनीतियां –
- संचार कौशल और इसका उपयोग
- शिक्षण के दौरान शिक्षण- अधिगम सामग्री तैयार करना और उसका उपयोग करना
- विभिन्न शिक्षण दृष्टिकोण –
- टीचिंग मॉडल्स – एडवांस ओर्गनाईजर, साईटिफिक इन्कवायरी, इनफार्मेशन प्रोसेसिंग, कोपरेटिव लर्निंग |
- रचनावादी सिद्धांत आधारित शिक्षण
ICT शिक्षाशास्त्र एकीकरण –
- ICT की अवधारणा
- हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की अवधारणा
- निर्देश के लिए सिस्टम दृष्टिकोण
- कंप्यूटर असिस्टेड लर्निंग
- कंप्यूटर एडेड निर्देश
- ICT शिक्षाशास्त्र एकीकरण को सुगम बनाने वाले कारक |
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