मातृ (ऋकारान्त स्त्रीलिंग) शब्द रूप | Matri Shabd Roop – Rikarant Striling – इस भाग में मातृ संज्ञा शब्द के रूप के बारे में बताया गया | जिस पर आपकी समझ बनने के बाद आप अन्य संज्ञा शब्दों के भी आसानी से शब्द रूप बना पाओगे |
शब्द रूप बनाने के विशेष नियम –
- सर्वनाम शब्दों के संबोधन न होने के कारण उनके संबोधन रूप नहीं चलते |
- संबोधन में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है | Matri Shabd Roop
- यदि र् या ष् के बाद न आता है तो उस न् को ण हो जाता है |
- संबोधन में हृ, ए,ओ यदि अंत में हो तो अंग के बाद में प्रथमा के एकवचन अर्थात् सु प्रत्यय का लोप होता है |
मातृ (ऋकारान्त स्त्रीलिंग) शब्द रूप (Matri Shabd Roop) –
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | माता | मातरौ | मातर: |
द्वितीया | मातरम् | मातरौ | मातृन् |
तृतीया | मात्रा | मातृभ्याम् | मातृभि: |
चतुर्थी | मात्रे | मातृभ्याम् | मातृभ्य: |
पंचमी | मातु: | मातृभ्याम् | मातृभ्य: |
षष्ठी | मातु: | मात्रो: | मातृणाम् |
सप्तमी | मातरि | मात्रो: | मातृषु |
संबोधन | हे मात: ! | हे मातरौ ! | हे मातर: ! |
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