नदी (ईकारान्त स्त्रीलिंग) शब्द रूप | Nadi Shabd Roop – Ekarant Striling – इस भाग में नदी संज्ञा शब्द के रूप के बारे में बताया गया | जिस पर आपकी समझ बनने के बाद आप अन्य संज्ञा शब्दों के भी आसानी से शब्द रूप बना पाओगे |
शब्द रूप बनाने के विशेष नियम –
- सर्वनाम शब्दों के संबोधन न होने के कारण उनके संबोधन रूप नहीं चलते |
- संबोधन में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है |
- यदि र् या ष् के बाद न आता है तो उस न् को ण हो जाता है |
- संबोधन में हृ, ए,ओ यदि अंत में हो तो अंग के बाद में प्रथमा के एकवचन अर्थात् सु प्रत्यय का लोप होता है |
नदी (ईकारान्त स्त्रीलिंग) शब्द रूप (Nadi Shabd Roop) –
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | नदी | नद्यौ | नद्य: |
द्वितीया | नदीम् | नद्यौ | नदी: |
तृतीया | नद्या | नदीभ्याम् | नदीभि: |
चतुर्थी | नद्यै | नदीभ्याम् | नदीभ्य: |
पंचमी | नद्या: | नदीभ्याम् | नदीभ्य: |
षष्ठी | नद्या: | नद्यो: | नदीनाम् |
सप्तमी | नद्याम् | नद्यो: | नदीषु |
संबोधन | हे नदि ! | हे नद्यौ ! | हे नद्य: ! |
मिलते-जुलते अन्य शब्द रूप-
इसी प्रकार पुत्री (बेटी), सखी (सहेली), देवी, रजनी (रात्रि), नारी, भगवती, दासी (सेविका), महि (पृथ्वी), जानकी, सरस्वती, पार्वती, श्रीमती, काली, विदुषी, पत्नी आदि ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप बनेंगें | Nadi Shabd Roop
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