अरावली पर्वतीय प्रदेश | Aravali Parvatiya Pradesh : इस Post में आपको राजस्थान के भौतिक भाग(अरावली पर्वतीय प्रदेश) के बारें में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी | इसके साथ ही इसमें आपको अरावली पर्वतीय प्रदेश की विशेषताएं, प्रदेश में पाई जाने वाली नदियों, जलवायु आदि के बारे विस्तृत जानकारी मिलेंगी |
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अरावली पर्वतीय प्रदेश में आने वाले जिले :-
- इस प्रदेश में कुल 13 जिले आते है जो निम्न है –
- चित्तोडगढ
- राजसमन्द
- उदयपुर
- डूंगरपुर
- प्रतापगढ़
- भीलवाडा
- झुंझनु
- सीकर
- अजमेर
- सिरोही
- अलवर
- पाली तथा जयपुर जिले के कुछ भाग |
अरावली पर्वतीय प्रदेश की विशेषताएं :-
- क्षेत्रफल – कुल भाग का 9 %
- लम्बाई – कुल लम्बाई 692 किमी है जिसमें से 550 किमी (80%)लम्बी राजस्थान में है |
- जनसंख्या – कुल जनसँख्या का 10 %
- जलवायु – उपआर्द्र जलवायु |
- अरावली पर्वतमाला की औसत ऊँचाई समुद्र तल से – 930 मीटर |
- मिट्टी – काली, भूरी लाल ओर कंकरीली |
- वर्षा – 50 से लेकर 90 सेमी तक |
- सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान – माउन्ट आबू |
- अरावली की मुख्य श्रेणी क्वार्टजाइट चट्टानों की बनी हुयी है |
- विस्तार – दक्षिण- पश्चिम में गुजरात में खेड़ ब्रहा, पालनपुर से लेकर उत्तर-पूर्व में खेतड़ी सिंघाना( झुंझुनु) तक ( कई हिस्सों में दिल्ली तक फैली हुई हैं ) | Aravali Parvatiya Pradesh
- इस पर्वतमाला का विस्तार उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक अरब सागर से आने वाली दक्षिणपश्चिमी मानसूनी पवनों की दिशा के समानान्तर है, जिसके फलस्वरूप ये पवनें राजस्थान में बिना वर्षा किये उत्तर दिशा में चली जाती हैं और राज्य का पश्चिमी क्षेत्र सूखा रह जाता है |
- यह उत्तर पश्चिम में सिन्धु बेसिन और पूर्व में गंगा बेसिन के मध्य महान् जल विभाजक रेखा (क्रेस्ट लाइन) का कार्य करती है |
Aravali Parvatiya Pradesh मुख्य विशेषताएं :-
- अरावली पर्वत श्रृंखला गोंडवाना लैंड का अवशेष है |
- इन शृंखलाओं की चौड़ाई व ऊँचाई दक्षिण पश्चिम में अधिक है जों उत्तर पूर्व में कम होती जाती है |
- इसके दक्षिणी भाग में पठार, उत्तरी एवं पूर्वी भाग में मैदान एवं पश्चिमी भाग में मरुस्थल है |
- अरावली पर्वत, अमेरिका के अप्लेशियन पर्वतों के समान है |
- अरावली पर्वत, विश्व के प्राचीनतम वलित पर्वत हैं।
- मुख्य दरै – देसूरी की नाल, हाथी दर्रा, केवड़ा की नाल (उदयपुर), जीलवाड़ा नाल, सोमेश्वर नाल आदि |
- खनिज – ताँबा, सीसा, जस्ता, अभ्रक, चाँदी, लोहा, मैंगनीज, पुल्सपार, ग्रेनाइट, मार्बल, चूना पत्थर, पन्ना आदि।
- राज्य की सर्वाधिक ऊँची पर्वत चोटी – गुरु शिखर, सिरोही (1722 मी.)|
- सिवाना (जालौर-बाड़मेर) पर्वतीय क्षेत्र में स्थित गोलाकार पहाड़ियाँ छप्पन की पहाड़ियों के नाम से जानी जाती हैं। यहीं नाकोड़ा पर्वत स्थित है। यहाँ ग्रेनाइट चट्टानों का बाहुल्य है। इसलिए जालौर को ग्रेनाइट नगरी कहा जाता है |
- आदिवासी जनजातियाँ – इस क्षेत्र में भील, मीणा, गरासिया, डामोर आदि आदिवासी जनजातियाँ रहती हैं |
- अरावली की ढालों पर मुख्यत: मक्का की खेती की जाती है |
- यह पर्वत श्रेणी राजस्थान की जलवायु को अत्यधिक प्रभावित करती है |
- इस पर्वतमाला पूर्व में गिरने वाला पानी नदियों द्वारा बंगाल की खाड़ी में तथा पश्चिम में गिरने वाला पानी अरब सागर में ले जाया जाता है | Aravali Parvatiya Pradesh
- अरावली पर्वतश्रेणी का स्वरूप अजमेर से सिरोही होते हुए गुजरात तक तानपुरे के समान है |
- आबू पर्वत पर स्थित राज्य की सबसे ऊंची पर्वत चोटी गुरु शिखर हिमालय एवं नीलगिरी पर्वतों के मध्य की सबसे ऊँची चोटी है |
- अरावली पर्वत, पश्चिमी मरुस्थल के पूर्व में विस्तार को रोकता है |
- इस प्रदेश में वन्य जीव अभयारण्यों में विविध जंगली जीव-जंतु पाये जाते हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र हैं |
- इस क्षेत्र में मुख्यतः ढाक, गूलर, हरड़, आम, जामुन, गुग्गल, शीशम, आँवला, नीम, बहेड़ आदि वनस्पति पाई जाती है |
FAQ :
ANS. विस्तार – दक्षिण- पश्चिम में गुजरात में खेड़ ब्रहा, पालनपुर से लेकर उत्तर-पूर्व में खेतड़ी सिंघाना( झुंझुनु) तक ( कई हिस्सों में दिल्ली तक फैली हुई हैं ) |
ANS. इस प्रदेश का विस्तार राजस्थान के कुल 13 जिलों में है
ANS. अरावली पर्वत श्रेणी पाई जाती है|
ANS. देसूरी की नाल, हाथी दर्रा, केवड़ा की नाल (उदयपुर), जीलवाड़ा नाल, सोमेश्वर नाल आदि |
ANS. कुल लम्बाई 692 किमी है जिसमें से 550 किमी (80%)लम्बी राजस्थान में है |
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