राजस्थान भूगोल : राजस्थान की प्रमुख नदियाँ | Rajasthan Ki Pramukh Nadiyaan – इस POST में आपको राजस्थान की उत्तरी पश्चिमी नदियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी|
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उत्तरी व पश्चिमी राजस्थान की प्रमुख नदियाँ –
- लूनी नदी –
- यह अजमेर की नाग पहाड़ीयों से निकलती है |
- प्राचीन नाम – लवन्वती, उद्गम स्थल पर इसको सागरमती, गोविन्दगढ़ के निकट पुष्कर आने वाली सरस्वती नदी में मिलने के बाद इसको लूनी नदी कहते है |
- इसका बहाव क्षेत्र अजमेर से निकलकर दक्षिणी पश्चिमी राजस्थान में नागौर, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर में बहकर गुजरात के कच्छ जिले में जा के कच्छ के रन में विलुप्त हो जाती है |
- यह पूर्णयता बरसाती नदी है जिसकी कुल लम्बाई 495 किमी है |
- इसका जल बाड़मेर के बलोतरा तक मीठा और बाद में खारा हो जाता है|
- वर्षा होने पर इस नदी के कारण बालोतरा ( बाड़मेर ) में बाढ़ आ जाती है |
- जसवंत सागर बांध में पानी की पूर्ति लूनी नदी से ही होती है |
- सहायक नदियाँ –
- सुकडी, मिठडी, बांडी, खारी, जवाई, लिलड़ी, गुहिया और सागी ( बांयी और से मिलने वाली ) |
- जोजडी ( दांयी और से मिलने वाली एकमात्र नदी ) |
- घग्घर नदी-
- उदगम – हिमाचल प्रदेश में शिमला के पास शिवालिक की पहाड़ियों से |
- हनुमानगढ़ की टिब्बी तहसील से तलवाडा गाँव के पास राजस्थान में प्रवेश करती है |
- हनुमानगढ़ के भटनेर के पास यह नदी विलुप्त हो जाती है |
- लेकिन जयादा वर्षा के समय यह सूरतगढ़ व अनुपगढ के कई गांवों से होती हुई पाकिस्थान के फोर्ट अब्बास तक पहुंच जाती है | Rajasthan Ki Pramukh Nadiyaan
- यह वैदिक संस्कृति की सरस्वती नदी का अवशेष है |
- यह मृत नदी के नाम से भी विख्यात है |
- जवाई नदी –
- उदगम – पाली व उदयपुर जिले की सीमा पर स्थित बाली ( पाली ) के गोरिया गाँव की पहाड़ियों से |
- बहाव क्षेत्र – पाली और जालौर में बहती है | जालौर में सायला की निकट इसमें खारी नदी मिल जाती है तथा बाड़मेर में यह लूनी नदी में मिल जाती है |
- सुमैरपुर ( पाली ) के निकट इस पर जवाई बाँध बना हुआ है |
- सुकडी नदी –
- उद्गम पाली में |
- प्रवाह – पाली, जालौर, बाड़मेर |
- बाड़मेर के समदडी गाँव में लूनी नदी में मिल जाती है |
- जालौर के बांकली ग्राम में इस पर बांकली बांध है |
- जोजडी नदी –
- नागौर के पोंडलू गाँव की पहाड़ियों से |
- इसका प्रवाह नागौर और जोधपुर जिले में है |
- एकमात्र नदी है जो लूनी नदी में दांयी और से मिलती है तथा जिसका उद्गम अरावली की पहाड़ियां नही है |
उत्तरी पश्चिमी राजस्थान की अन्य नदियाँ –
- खारी नदी –
- उद्गम सिरोही जिले के शेर गाँव की पहाड़ियों से |
- इसका प्रवाह सिरोही और जालौर | Rajasthan Ki Pramukh Nadiyaan
- जालौर के सायला गाँव में यह जवाई नदी मे मिल जाती है|
- बांडी नदी –
- उद्गम पाली जिले से |
- पाली जिले में बहकर जोधपुर की सीमापर लाखर गाँव में लूनी नदी में मिल जाती है |
- सागी नदी –
- इसका उद्गम जालौर जले के जसवंतपुरा की पहाड़ियों से |
- प्रवाह – जालौर, बाड़मेर | Rajasthan Ki Pramukh Nadiyaan
- बाड़मेर में यह गांधव गाँव के निकट लूनी नदी में मिल जाती है |
- कान्तली नदी –
- उद्गम – सीकर जिले में खंडेला की पहाड़ियों से |
- बहाव क्षेत्र – इसका बहाव क्षेत्र तोरावटी कहलाता है |
- ताम्रयुगीन प्रसिद्ध गणेश्वर सभ्यता इसी नदी के किनारे फली फूली थी |
- काकनी नदी –
- उद्गम – जैसलमेर के कोटारी गाँव से |
- कुछ दूर बहने के बाद यह विलुप्त हो जाती है |
- इसमें अधिक पानी आने के बाद यह जैसलमेर के बुझ झील में गिरती है |
- स्थानीय भाषा में इसे मसुरदी नदी कहते है |
FAQ :
1. घग्घर नदी का उद्गम कहाँ से होता है ?
ANS. हिमाचल प्रदेश में शिमला के पास शिवालिक की पहाड़ियों से |
2. ताम्रयुगीन प्रसिद्ध गणेश्वर सभ्यता किस नदी क किनारे है ?
ANS. कान्तली नदी के किनारे |
3. लूनी नदी का उद्गम स्थल बताइए |
ANS. अजमेर की नाग पहाड़ीयों से |
4. मृत नदी किसे कहते है ?
ANS. घग्घर नदी को ही नृत नदी कहते है |
5. जसवंत सागर बाँध में पानी पूर्ति किस नदी से होती है?
ANS. लूनी नदी से पानी पूर्ति होती है |
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