Rajasthan History : Ajmer Ke Chouhan | अजमेर के चौहान

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Rajasthan History : Ajmer Ke Chouhan | अजमेर के चौहान – इस भाग में Ajmer Ke Chouhanके बारे में वासुदेव चौहान से लेकर विग्रहराज चतुर्थ तक की सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी |


शाकम्भरी और अजमेर के चौहान –

  • चौहानों की उत्पत्ति को लेकर निम्न मत हैं।
  • पृथ्वीराज रासौ में इन्हें ‘अग्निकुण्ड‘ से उत्पन्न बताया है, जो ऋषि वशिष्ठ द्वारा आबू पर्वत पर किये गये यज्ञ से उत्पन्न हुए चार राजपूत योद्धाओं- प्रतिहार, परमार, चालुक्य एवं चौहानों, में से एक थे।
  • मुहणोत नैणसी एवं सूर्यमल मिश्रण ने भी इसी मत का समर्थन किया है।
  • पं. गौरीशंकर ओझा चौहानों को सूर्यवंशी मानते हैं तो कर्नल टॉड ने इन्हें विदेशी ( मध्य एशिया ) माना है।
  • पृथ्वीराज विजय, हम्मीर महाकाव्य, सुर्जन चरित आदि ग्रन्थों तथा चौहान प्रशस्ति पृथ्वीराज तृतीय का बेदला शिलालेख आदि में भी चौहानों को सूर्य वंशी बताया गया है।
  • डॉ. दशरथ शर्मा बिजोलिया लेख के आधार पर चौहानों को ब्राह्मण वंश से उत्पन्न बताते हैं।
  • 1177 ई. का हाँसी शिलालेख एवं माउण्ट आबू के चंद्रवती के चौहानों का अचलेश्वर मंदिर का लेख चौहानों को चंद्रवंशी बताता है।
  • विलियम क्रूक ने अग्निकुण्ड से उत्पत्ति को किसी विदेशी जाति के लोगों को यहाँ अग्निकुण्ड के समक्ष पवित्र कर हिन्दू जाति में शामिल करना बताया है।
  • अभी तक भी इस संबंध में कोई एक मत प्रतिपादित नहीं हो पाया है।

वासुदेव चौहान –

  • चौहानों का मूल स्थान जांगलदेश में सांभर के आसपास सपादलक्ष क्षेत्र को माना जाता है।
  • इनकी प्रारंभिक राजधानी अहिछत्रपुर (नागौर) थी।
  • बिजोलिया शिलालेख के अनुसार सपादलक्ष के चौहान वंश का संस्थापक वासुदेव चौहान नामक व्यक्ति था।
  • वासुदेव चौहान ने 551 ई. के आसपास इस वंश का शासन प्रारंभ किया।
  • बिजोलिया शिलालेख के अनुसार सांभर झील का निर्माण भी इसी ने करवाया था।
  • इसी के वंशज अजयपाल ने 7वीं शती में सांभर कस्बा बसाया तथा अजयमेरु दुर्ग की स्थापना की थी।

विग्रहराज द्वितीय –

  • चौहान वंश के प्रारंभिक शासकों में सबसे प्रतापी राजा सिंहराज का पुत्र विग्रहराज-द्वितीय हुआ।
  • जो लगभग 956 ई. के आसपास सपादलक्ष का शासक बना।
  • इन्होंने अन्हिलपाटन के प्रसिद्ध चालुक्य शासक मूलराज-प्रथम को हराकर कर राज्य देने को विवश किया।
  • भड़ौच में अपनी कुलदेवी आशापुरा माता का मंदिर बनवाया।
  • विग्रहराज के काल का विस्तृत वर्णन 973 ई. के हर्षनाथ के अभिलेख से प्राप्त होता है।

अजयराज –

  • चौहान वंश का दूसरा प्रतापी शासक अजयराज हुआ।
  • जिसने (पृथ्वीराज विजय के अनुसार) 1113 ई. के लगभग अजयमेरु (अजमेर) बसाकर उसे अपने राज्य की राजधानी बनाया।
  • उन्होंने अन्हिलपाटन के चालुक्य शासक मूलराज प्रथम को हराया
  • उन्होंने ‘श्री अजयदेव‘ नाम से चाँदी के सिक्के चलाये।
  • उनकी रानी सोमलेखा ने भी अपने नाम के सिक्के जारी किये।

अर्णोराज(Ajmer Ke Chouhan) –

  • अजयराज के बाद अर्णोराज ने 1133 ई. के लगभग अजमेर का शासन संभाला
  • अर्णोराज ने तुर्क आक्रमणकारियों को बुरी तरह हराकर अजमेर में आनासागर झील का निर्माण करवाया।
  • चालुक्य शासक कुमारपाल ने आबू के निकट युद्ध में इसे हराया।
  • इस युद्ध का वर्णन प्रबन्ध चिन्तामणि एवं प्रबन्ध कोष में मिलता है।
  • इन्होने ने पुष्कर में वराह-मंदिर का निर्माण करवाया।
  • अर्णोराज स्वयं शैव होते हुए भी अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णु था।

विग्रहराज चतुर्थ –

  • विग्रहराज-चतुर्थ (बीसलदेव) 1153 ई. में लगभग अजमेर की गद्दी पर आसीन हुए।
  • इन्होंने राज्य की सीमा का अत्यधिक विस्तार किया।
  • उन्होंने गजनी के शासक अमीर खुशरुशाह (हम्मीर) को हराया।
  • दिल्ली के तोमर शासक को पराजित किया एवं दिल्ली को अपने राज्य में मिलाया
  • एक अच्छा योद्धा एवं सेनानायक शासक होते हुए वे विद्वानों के आश्रयदाता भी थे।
  • उनके दरबार में सोमदेव जैसे प्रकाण्ड विद्वान कवि थे, जिसने ‘ललित विग्रहराज‘ नाटक की रचना की।
  • विग्रहराज विद्वानों के आश्रयदाता होने के कारण ‘कवि बान्धव‘ के नाम से जाने जाते थे।
  • स्वयं विग्रहराज ने ‘हरिकेलि‘ नाटक लिखा।
  • इनके अलावा उन्होंने अजमेर में एक संस्कृत पाठशाला बनवाई (अढ़ाई दिन के झोंपड़े की सीढ़ियों में मिले दो पाषाण अभिलेखों के अनुसार)।
  • इसे मुहम्मद गौरी के सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने अढ़ाई दिन के झोंपड़े में परिवर्तित कर दिया था।
  • वर्तमान टोंक जिले में बीसलपुर कस्बा एवं बीसलसागर बाँध का निर्माण भी बीसलदेव द्वारा करवाया गया।
  • इनके काल को चौहान शासन का ‘स्वर्णयुग‘ भी कहा जाता है।

FAQ (Ajmer Ke Chouhan) :

1. अजमेर के चौहान वंश का संस्थापक कौन था?

ANS. चौहान वंश का संस्थापक वासुदेव चौहान था।

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2. चौहान वंश की कुलदेवी कौन है?

ANS. आशापुरा माता।

3. पृथ्वीराज रासौ के अनुसार चौहानों की उत्पत्ति कहाँ से हुई है?

ANS. पृथ्वीराज रासौ में इन्हें ‘अग्निकुण्ड’ से उत्पन्न बताया है, जो ऋषि वशिष्ठ द्वारा आबू पर्वत पर किये गये यज्ञ से उत्पन्न हुए चार राजपूत योद्धाओं- प्रतिहार, परमार, चालुक्य एवं चौहानों, में से एक थे।

4. डॉ. दशरथ शर्मा के अनुसार चौहान किस के वंशज है?

ANS. डॉ. दशरथ शर्मा बिजोलिया लेख के आधार पर चौहानों को ब्राह्मण वंश से उत्पन्न बताते हैं।

5. चौहान वंश का संस्थापक किसे माना जाता है?

ANS. बिजोलिया शिलालेख के अनुसार सपादलक्ष के चौहान वंश का संस्थापक वासुदेव चौहान नामक व्यक्ति था।

6. अजयमेरु दुर्ग की स्थापना और सांभर कस्बा किसने बनाया?

ANS. अजयपाल ने 7वीं शती में सांभर कस्बा बसाया तथा अजयमेरु दुर्ग की स्थापना की थी।

7. चौहानों की कुलदेवी कौनसी है?

ANS. आशापुरा माता।

8. चौहानों की कुलदेवी का मंदिर किसने बनाया था?

ANS. विग्रहराज द्वितीय ने भड़ौच में अपनी कुलदेवी आशापुरा माता का मंदिर बनवाया।

9. सांभर झील का निर्माण किसने करवाया?

ANS. बिजोलिया शिलालेख के अनुसार सांभर झील का निर्माण भी वासुदेव चौहान ने करवाया था।

10. श्री अजयदेव नाम से चांदी के सिक्के किसने चलाए?

ANS. अजयराज चौहान ने |

11. आनासागर झील का निर्माण किसने करवाया था?

ANS. अर्णोराज ने करवाया था |

12. वराह मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?

ANS. अर्णोराज ने पुष्कर में वराह-मंदिर का निर्माण करवाया।

13. चौहानों के किस शासक ने दिल्ली को भी अपने राज्य में मिला लिया था?

ANS. विग्रहराज चतुर्थ ने ही दिल्ली के तोमर के शासक को पराजित कर के दिल्ली को अपने राज्य में मिल लिया था|

14. ‘ललित विग्रहराज‘ नाटक की रचना किसने की थी?

ANS. विग्रहराज चतुर्थ के दरबार में सोमदेव जैसे प्रकाण्ड विद्वान कवि थे, जिसने ‘ललित विग्रहराज’ नाटक की रचना की।

15. ‘कवि बान्धव‘ के नाम से कौन जाने जाते थे और क्यों?

ANS. विग्रहराज चतुर्थ विद्वानों के आश्रयदाता होने के कारण ‘कवि बान्धव’ के नाम से जाने जाते थे।

16. ‘हरिकेलि‘ नाटक की रचना किसने की?

ANS. विग्रहराज चतुर्थ ने ही ‘हरिकेलि’ नाटक की रचना की थी|

17. संस्कृत पाठशाला को अढाई दिन के झोंपड़े में किसने परिवर्तित कर दिया था?

ANS. विग्रहराज चतुर्थ ने अजमेर में एक संस्कृत पाठशाला बनवाई (अढ़ाई दिन के झोंपड़े की सीढ़ियों में मिले दो पाषाण अभिलेखों के अनुसार)।

18. बीसलसागर बाँध का निर्माण किसने करवाया?

ANS. वर्तमान टोंक जिले में बीसलपुर कस्बा एवं बीसलसागर बाँध का निर्माण भी बीसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) द्वारा करवाया गया।

19. चौहानों के किस शासक के काल को ‘स्वर्णकाल’ कहा जाता है?

ANS. विग्रहराज चतुर्थ के काल को चौहान शासन का ‘स्वर्णयुग’ भी कहा जाता है।

20. अजमेर को सर्वप्रथम राजधानी किसने बनाया था?

ANS. अजयराज ने (पृथ्वीराज विजय के अनुसार) 1113 ई. के लगभग अजयमेरु (अजमेर) बसाकर उसे अपने राज्य की राजधानी बनाया।

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