Rajasthan History : जैसलमेर इतिहास | Jaisalmer Itihaas – इस भाग में आपको Jaisalmer Itihaas के बारे में तथा वहां पर हुए शाकों का वर्णन मिलेगा|
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जैसलमेर इतिहास –
- जैसलमेर में भाटी वंश का शासन था जो स्वयं को चन्द्रवंशी यादव एवं श्रीकृष्ण के वंशज मानते हैं ।
- यादवों के ही एक वंशज भट्टी ने 285 ई. में भटनेर (हनुमानगढ़) के किले का निर्माण कर वहाँ अपना राज्य स्थापित किया।
- इसके वंशज भाटी कहलाने लगे।
- भट्टी के वंशज मंगलराव को गजनी के शासक ढुण्डी द्वारा परास्त होने के कारण जैसलमेर क्षेत्र में आना पड़ा।
- उसने तन्नौट में भाटी वंश की दूसरी राजधानी स्थापित की।
- इसी वंश के शासक देवराज भाटी ने लोद्रावा को पँवार शासकों से छीनकर तन्नौट के स्थान पर अपनी नई राजधानी बनाई।
- 12 जुलाई, 1155 ई. को रावल जैसलदेव भाटी ने जैसलमेर दुर्ग का निर्माण करवाया तथा अपनी राजधानी जैसलमेर स्थानांतरित की।
- जैसलमेर किले की स्थापना त्रिकोणी गोडाहरे पहाड़ी पर की गई थी, इसलिए इसे गोडहरा, त्रिकुटांचल या त्रिकूटगढ़ भी कहते हैं।
जैसलमेर के ढाई साके –
- 1313 ई. में दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी व भाटी शासक मूलराज प्रथम के मध्य युद्ध राजपूत स्त्रियों ने जौहर किया।
- दिल्ली के सुल्तान फिरोजशाह तुगलक व रावल दूदा (महारावल दुर्जनसाल) के मध्य युद्ध।
- तीसरा ‘अर्द्ध साका‘ 1550 ई. में जैसलमेर के राव लूणकरण व कंधार के राज्यच्युत शासक अमीर अली के मध्य युद्ध ।
- इसमे वीरों ने केसरिया तो किया लेकिन जौहर नहीं हुआ इसलिए इसे अर्द्ध साका माना जाता है।
जैसलमेर और भाटी –
- जैसलमेर के भाटियों को उत्तर भड किवाड भाटी की उपाधि से भी सम्मानित किया जाता था।
- क्योंकि वे भारत वर्ष पर उत्तर पश्चिम दिशा से होने वाले आक्रमणों से देश की रक्षा किया करते थे।
- इस संबंध में निम्न दोहा मशहूर है –
- यहाँ के परवर्ती शासक हरराज ने अकबर के नागौर दरबार में मुगल अधीनता स्वीकार कर अपनी पुत्री का अकबर से किया।
- औरंगजेब के समय यहाँ का शासन महारावल अमरसिंह के हाथों में था जो ‘अमरकास‘ नाला सिंधु नदी का पानी अपने राज्य में लाये।
- 1818 ई. में यहाँ के शासक मूलराज ने ईस्ट इंडिया कम्पनी से संधि कर की सुरक्षा का जिम्मा अंग्रेजों को दे दिया।
जैसलमेर और महारावल जवाहर सिंह –
- महारावल जवाहर सिंह जी 26 जून, 1914 को जैसलमेर के शासक बने।
- इनका राजतिलक सर्वोत्तमविलास राजतिलक चौक में हुआ था।
- इन्हें आधुनिक जैसलमेर का निर्माता कहा जाता है।
- उन्होंने जैसलमेर के विकास हेतु मुख्यतः निम्न कार्य किए –
- सन् 1939 में राज्य के प्रथम बिजली घर की स्थापना की गई।
- 1941 में नगरपालिका की स्थापना की गई।
- जल प्रबंधन की सही व्यवस्था की।
- 1939 में जैसलमेर शहर में एक डाकघर की स्थापना करवाई तथा टेलीफोन सुविधा प्रारंभ करवाई।
- यद्यपि सन् 1888 ई. में महारावल बैरीसाल के समय प्रथम ब्रिटिश डाकखाना जैसलमेर शहर में खोला गया था।
- सर विण्डम लाइब्रेरी का निर्माण भी महारावल जवाहर सिंह द्वारा करवाया गया।
- राज्य में श्री जवाहर चिकित्सालय बनवाया गया।
- महारावल जवाहर सिंह द्वारा प्रत्येक जातियों व कबीलों के पशुओं के लिए पृथक-पृथक चिह्न निश्चित कर पशुओं की पीठ पर उसे दागने की प्रथा – दाग प्रथा प्रारम्भ कराई गई।
- इस प्रथा के प्रारम्भ होने से चारी जाने वाले पशुओं की पकड़ करने में बहुत आसानी होने लगी थी।
- इनके काल में राजस्थान का ही नहीं भारत का अंतिम दुर्ग श्री मोहनगढ़ बनवाया गया।
- जवाहरसिंह के काल में राज्य की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई, जिसमें यहाँ के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सागरमल गोपा को जेल में अमानवीय यातनाएँ देकर 3 अप्रैल, 1946 को जलाकर मार डाला गया।
30 मार्च, 1949 ई. को जैसलमेर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया। उस समय यहाँ के अंतिम शासक महारावल श्री गिरधर सिंह जी थे।
FAQ (Jaisalmer Itihaas) :
ANS. यादवों के ही एक वंशज भट्टी ने 285 ई. में भटनेर (हनुमानगढ़) के किले का निर्माण कर वहाँ अपना राज्य स्थापित किया।
ANS. 12 जुलाई, 1155 ई. को रावल जैसलदेव भाटी ने जैसलमेर दुर्ग का निर्माण करवाया तथा अपनी राजधानी जैसलमेर स्थानांतरित की।
ANS. महारावल जवाहर सिंह द्वारा प्रत्येक जातियों व कबीलों के पशुओं के लिए पृथक-पृथक चिह्न निश्चित कर पशुओं की पीठ पर उसे दागने की प्रथा – दाग प्रथा प्रारम्भ कराई गई।
ANS. 1941 में नगरपालिका की स्थापना की गई।
ANS. 1818 ई. में यहाँ के शासक मूलराज ने ईस्ट इंडिया कम्पनी से संधि कर की सुरक्षा का जिम्मा अंग्रेजों को दे दिया।
ANS. जैसलमेर के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सागरमल गोपा को जेल में अमानवीय यातनाएँ देकर 3 अप्रैल, 1946 को जलाकर मार डाला गया।
ANS. 30 मार्च, 1949 ई. को जैसलमेर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया।
ANS. 30 मार्च, 1949 ई. को जैसलमेर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया। उस समय यहाँ के अंतिम शासक महारावल श्री गिरधर सिंह जी थे।
ANS. आधुनिक जैसलमेर का निर्माता महारावल जवाहर सिंह को कहा जाता है |
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