Rajasthan History : Nadol Or Sirohi Ke Chouhan | नाडोल और सिरोही के चौहान – इस POST में आपको Nadol Or Sirohi Ke Chouhan के बारे में प्रमुख शासकों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी |
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नाडोल के चौहान (Nadol Or Sirohi Ke Chouhan) –
- चौहानों की इस शाखा का संस्थापक शाकम्भरी नरेश वाक्पति का पुत्र लक्ष्मण चौहान था।
- जिसने 960 ई. के लगभग चावड़ा राजपूतों के आधिपत्य से अपने आपको स्वतंत्र कर चौहान वंश का शासन स्थापित किया।
- कीर्तिपाल चौहान ने 1177 ई. के लगभग मेवाड़ शासक सामन्तसिंह को पराजित कर मेवाड़ को अपने अधीन कर लिया था।
- 1205 ई. के लगभग नाडोल के चौहान जालौर की चौहान शाखा में मिल गये।
सिरोही के चौहान –
- सिरोही में चौहानों की देवड़ा शाखा का शासन था, जिसकी स्थापना 1311 ई. के आसपास लुम्बा द्वारा की गई थी।
- इनकी राजधानी चन्द्रावती थी।
- मुस्लिम आक्रमणों के कारण इस वंश के सहासमल ने 1425 ई. में सिरोही नगर की स्थापना कर अपनी राजधानी बनाया।
- इसी के काल में महाराणा कुंभा ने सिरोही अपने अधीन कर लिया।
- 1823 ई. में यहाँ के शासक शिवसिंह ने ईस्ट इंडिया कम्पनी से संधि कर राज्य की सुरक्षा का जिम्मा उसे सौंप दिया।
- स्वतंत्रता के बाद सिरोही राज्य राजस्थान में जनवरी, 1950 में मिला दिया गया।
FAQ (Nadol Or Sirohi Ke Chouhan) :
ANS. इस शाखा का संस्थापक शाकम्भरी नरेश वाक्पति का पुत्र लक्ष्मण चौहान था।
ANS. कीर्तिपाल चौहान ने 1177 ई. के लगभग मेवाड़ शासक सामन्तसिंह को पराजित कर मेवाड़ को अपने अधीन कर लिया था।
ANS. 1205 ई. के लगभग नाडोल के चौहान जालौर की चौहान शाखा में मिल गये।
ANS. इस वंश के सहासमल ने 1425 ई. में सिरोही नगर की स्थापना कर अपनी राजधानी बनाया।
ANS. 1823 ई. में यहाँ के शासक शिवसिंह ने ईस्ट इंडिया कम्पनी से संधि कर राज्य की सुरक्षा का जिम्मा उसे सौंप दिया।
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