Rajasthan History : Alwar Ka Itihaas | अलवर का इतिहास – इसमें आपको Alwar Ka Itihaas के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होगी, मैं आशा करता हूँ की ये जानकारी आपको Rajasthan History विषय में आपकी समझ को मजबूत बनाएगा |
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अलवर इतिहास –
Table of Contents
- 11वीं सदी में अलवर का क्षेत्र (मेवात) अजमेर के चौहानों के अधीन था।
- पृथ्वीराज चौहान की पराजय (1192 ई.) के बाद मेवाती स्वतंत्र हो गये।
- 1527 ई. में खानवा के युद्ध के बाद यह क्षेत्र मुगल साम्राज्य का अंग हो गया।
- इसके पश्चात यह जयपुर राज्य का अंग हो गया।
- सन् 1671 में जयपुर नरेश मिर्जा राजा जयसिंह ने मौजमाबाद के कछवाहा सामंत कल्याणसिंह नरुका को माचेड़ी की जागीर प्रदान की।
- 1774 ई. में इसके वंशज प्रतापसिंह को मुगल बादशाह शाहआलम ने जयपुर से स्वतंत्र कर माचेड़ी की रियासत प्रदान की।
- 1775 ई. में प्रतापसिंह ने भरतपुर राज्य से ने अलवर छीनकर उसे अपनी राजधानी बनाया।
- तब से यह अलवर राज्य बन गया।
अलवर और ईस्ट इंडिया कंपनी (Alwar Ka Itihaas) –
- 1803 ई. में राव राजा बख्तावर सिंह ने ईस्ट इंडिया कम्पनी से संधि कर ली।
- सन् 1815 में यहाँ के शासक बख्तावर सिंह की मृत्यु के बाद।
- उसके दो के उत्तराधिकारी (विनयसिंह व बलवंतसिंह) एक साथ गद्दी पर बैठे तथा दोनों अल्पवयस्क राजा बराबर के शासक थे।
- कम्पनी सरकार ने भी दोनों को बराबर का शासक होने की मान्यता दे दी।
- परंतु बाद में विनयसिंह (बन्नेसिंह) के दबाव से बलवंतसिंह को कुछ परगनों की जागीर देकर अलवर के शासक पद से हटा दिया गया।
- 1857 की क्रांति के समय विनयसिंह ही अलवर का शासक था।
- यहाँ के परवर्ती शासक महाराजा जयसिंह ने नरेन्द्र मण्डल के सदस्य के रूप में गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया।
- नरेन्द्र मंडल को यह नाम महाराजा जयसिंह ने ही दिया था।
- अलवर नरेश जयसिंह को उनकी सुधारवादी नीतियों के कारण अंग्रेजी सरकार ने 1933 में तिजारा दंगों के बाद पद से हटाकर राज्य से ही निष्कासित कर दिया था।
- वे यूरोप चले गए, वहीं पेरिस में सन् 1937 में उनका देहान्त हुआ।
- 1938 ई. में अलवर में प्रजामण्डल की स्थापना हुई।
- देश स्वतंत्र होने के बाद अलवर का मत्स्य संघ में विलय हो गया जो मार्च, 1949 में राजस्थान में शामिल हो गया।
FAQ (Alwar Ka Itihaas) :
ANS. 11वीं सदी में अलवर का क्षेत्र (मेवात) अजमेर के चौहानों के अधीन था।
ANS. 1775 ई. में प्रतापसिंह ने भरतपुर राज्य से ने अलवर छीनकर उसे अपनी राजधानी बनाया। तब से यह अलवर राज्य बन गया।
ANS. 1803 ई. में राव राजा बख्तावर सिंह ने ईस्ट इंडिया कम्पनी से संधि कर ली।
ANS. 1857 की क्रांति के समय विनयसिंह ही अलवर का शासक था।
ANS. 1938 ई. में अलवर में प्रजामण्डल की स्थापना हुई।
ANS. देश स्वतंत्र होने के बाद अलवर का मत्स्य संघ में विलय हो गया जो मार्च, 1949 में राजस्थान में शामिल हो गया।
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