Rajasthan History : बीकानेर इतिहास | Bikaner Itihaas

Rajasthan History : बीकानेर इतिहास | Bikaner Itihaas – इस भाग में बीकानेर नगर की स्थापना से लेकर 1574 तक के सभी शासकों (राव बीका, राव लूणकरण, राव जैतसी और राव कल्याणमण) का भी विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है |

राव बीका –

  • जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र राव बीका ने अपने पिता से अलग हो कर |
  • अपने विश्वासपात्र सरदारों के साथ नए राज्य की स्थापना हेतु जांगल प्रदेश में करणी माता के आशिर्वाद से राठौड़ राजवंश की स्थापना की |
  • इन्होने छोटे-बड़े स्थानों और कबीलों को जीतकर जांगल प्रदेश में सन् 1465 ई. में राठौड़ वंश की स्थापना की |
  • उन्होंने 1488 ई. में बीकानेर नगर की स्थापना की और उसे अपनी राजधानी बनाया |
  • अपने राज्य को दूर-दूर तक विस्तृत किया |
  • 1504 ई. में राव बीका का देहांत हो गया |

राव लूणकरण (Bikaner Itihaas) –

  • अपने बडे भाई नरा की मृत्यु के बाद साहसी योद्धा राव लूणकरण बीकानेर की गद्दी पर विराजित हुए |
  • लूणकरण ने अपने पराक्रम से अपने राज्य का पर्याप्त विस्तार किया |
  • जैसलमेर नरेश राव जैतसी को हरा कर उसे संधि करने के लिए बाध्य किया |
  • सन् 1526 इ. में इन्होने नारनौल के नवाब पर आक्रमण कर दिया परन्तु द्यौंसा नामक स्थान पर युद्ध में वे मारे गए |

राव जैतसी (Bikaner Itihaas) –

  • अपने पिता की मृत्यु होने के बाद राव जैतसी ने बीकानेर की बागडोर संभाली |
  • इनके समय में बाबर के पुत्र व लाहौर के शासक कामरान ने सुदृढ़ किले भटनेर को सन् 1534 ई. के आसपास आक्रमण कर अपने अधिकार में कर लिया |
  • इसके बाद कामरान ने बीकानेर पर आक्रमण किया तथा एक बार तो उस पर कब्जा कर लिया|
  • परन्तु राव जैतसी ने 26 अक्टूबर, 1534 को एक मजबूत सेना एकत्रित कर कामरान पर आक्रमण कर दिया|
  • इस आक्रमण से मुग़ल सेना बीकानेर को छोड़ को भाग गयी और राव जैतसी की विजय हुई |
  • इस युद्ध का विस्तृत वर्णन बिठु सुजा द्वारा रचित ‘राव जैतसी रो छंद‘ ग्रन्थ में मिलता है |
  • सन् 1541 ई. में जोधपुर शासक राव मालदेव ने बीकानेर पर आक्रमण किया, जिसमे राव जैतसी की मृत्यु हो गई |
  • बीकानेर पर राव मालदेव का अधिकार हो गया | Bikaner Itihaas
  • सन् 1544 ई. में शेरशाह सुरी ने मालदेव को गिरी सुमेल के युद्ध में हरा दिया, इसमें राव जैतसी के पुत्र कल्याणमल ने शेरशाह सुरी की सहायता की थी |
  • शेरशाह ने बीकानेर का राज्य राव कल्याणमल को दे दिया |

राव कल्याणमल –

  • राव मालदेव की पराजय के बाद सन् 1544 ई. में राव कल्याणमल बीकानेर के शासक बने |
  • ये बीकानेर के पहले शासक थे, जिन्होंने सन् 1570 ई को अकबर के दरबार में उपस्थित होकर उनकी अधीनता स्वीकार की|
  • इन्होने मुगलों से वैवाहिक सम्बन्ध भी बनाये थे
  • इन्होने अपने पुत्र पृथ्वीराज, जो उच्च कोटि का कवि एंव विष्णु भक्त था को अकबर की सेवामे भेज दिया |
  • ‌वह अकबर के नवरत्न में से एक था |
  • इसी पृथ्वीराज ने ‘बेलि किसन रुक्मणी री‘ नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ की रचना की थी |
  • अकबर ने नागौर दरबार के बाद सन् 1572 ई. राव कल्याणमल के पुत्र रायसिंह को जोधपुर की देखरेख के लिए नियुक्त कर दिया | Bikaner Itihaas
  • सन् 1574 ई. में राव कल्याणमल की मृत्यु हो गयी |

FAQ :

1. राव बीका किस के पुत्र थे?

ANS. जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र थे |

2. जांगल प्रदेश में राठौड़ वंश की स्थापना कब और किसने की थी?

ANS. जांगल प्रदेश में राठौड़ वंश की स्थापना 1465 ई. में की थी |

3. बीकानेर की स्थापना कब और किसने की थी?

ANS. बीकानेर की स्थापना राव बीका ने 1488 ई.में की थी|

4. राव जैतसी रो छंद की रचना किस ने की थी ?

ANS. इसकी रचना बिठू सुजा ने की थी |

5. प्रसिद्ध ग्रन्थ बेलि किसन रुक्मणी री की रचना किसने की थी?

ANS. राव कल्याणमल के पुत्र राव पृथ्वीराज ने की थी |

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