REET 2022 : शिक्षण अधिगम और शिक्षण प्रक्रिया

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REET 2022 : शिक्षण अधिगम और शिक्षण प्रक्रिया : – इस भाग में Teaching Learning and Teaching Process के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे जो की आपको रीट की दोनों परीक्षों में मदद करेगी । इसके साथ ही ये आपको द्वितीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा में तथा व्याख्याता परीक्षा में भी आपकी मदद करेगी ।


शिक्षण अधिगम

  • जितने भी कार्य सामाजिक वातावरण में किए जाते हैं वह सभी कार्य अपने आप में एक समस्या के रूप में होते हैं।
  • समस्या के समय व्यक्ति को चिंतन करते हुए समाधान की प्राप्ति करनी होती है।
  • एक शिक्षक के द्वारा किया जाने वाला कार्य शिक्षण कार्य कहलाता है।
  • शिक्षण कार्य करते समय एक शिक्षक को यथार्थ / उच्च स्तरीय चिंतन करना होता है ।
  • चिंतन के द्वारा उसे सोचना पड़ता है कि क्या पढ़ाना है? क्यों पढ़ाना है? किसको वह कैसे पढ़ाना है? तथा कितना पढ़ाना है?
  • यह सब कुछ सोचना है फिर उस के माध्यम से अपने कार्य को आगे बढ़ाना ही सार्थक शिक्षण होता है।
  • जिसके द्वारा वह बालकों को अधिगम करवाने में सफल होता है।
  • शिक्षण कोई सामान्य कार्य नहीं है क्योंकि इस कार्य को करते समय एक मनुष्य मनुष्य का निर्माण करता है इसलिए पूर्ण सावधानी व उच्च स्तरीय चिंतन से ही संभव है।

शिक्षण कार्य प्रत्येक व्यक्ति के चाय के प्याले के समान नहीं है यह तो कला और विज्ञान है।

डॉ एन एन मुखर्जी

शिक्षण प्रक्रिया

  • शिक्षण एक ऐसा कार्य है जो एक अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता है इस कार्य को करने के लिए कम से कम दो व्यक्तियों की आवश्यकता होती है।
  • उन दो व्यक्तियों के बीच कोई अंत: क्रिया होती है अथार्त इसमें तीन चर होते हैं।
    1. प्रथम / मुख्य / सिखाने वाला = शिक्षक
    2. द्वितीय / आश्रित / सीखने वाला = विद्यार्थी
    3. मध्य चर / अंत:क्रिया = विषय-वस्तु

शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अधिक परिपक्व व्यक्ति ( शिक्षक ) अंतर संबंधों के द्वारा कम परिपक्व व्यक्ति ( बालक / विद्यार्थी ) को सिखाता है

मॉरीसन

शिक्षण वह प्रक्रिया है जिसमें एक परिपक्व व्यक्ति ( शिक्षक ) एक अपरिपक्व व्यक्ति ( शिक्षार्थी ) को अंत क्रिया द्वारा शिक्षा प्रदान करता है

जैक्शन

शिक्षण प्रक्रिया का दृष्टिकोण ( Teaching Learning and Teaching Process )

  • शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसको लेकर के अलग-अलग प्रकार के दृष्टिकोण प्रचलित हैं-
  • भारतीय दृष्टिकोण के अनुसार —— द्विमुखी प्रक्रिया
Teaching Learning and Teaching Process
  • आधुनिक / पाश्चात्य दृष्टिकोण के अनुसार —– त्रिमुखी प्रक्रिया
  • बी.एस. ब्लूम के अनुसार – संकुचित अवधारणा
बी.एस. ब्लूम के अनुसार
  • जॉन डी.वी. के अनुसार —– व्यापक अवधारणा
जॉन डी.वी. के अनुसार

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