शिक्षण विधियों से सम्बंधित महत्तवपूर्ण प्रश्न REET 2022 : – इसमें आपको Teaching Method Important Questions मिलेंगे जो की बहुत सी परीक्षों में आये हुए हैं तथा आने वाली कई परीक्षाओं के लिए भी महत्तवपूर्ण है। इन प्रश्नों को पढने से आपको परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के स्तर का पता चल जायेगा।
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Teaching Method Important Questions
- सामाजिक विज्ञान में कक्षा कक्ष प्रक्रिया विकसित करने में सहायक होता है-
- ज्ञान
- कुशलता
- अभिव्यक्ति
- उपरोक्त सभी
- “सामाजिक अध्यन की अध्यापिका कक्षा में चुनाव की क्रमिक प्रक्रिया बता रही है” वह जिस पर विधि का उपयोग कर रही है वह है –
- व्याख्या
- परिचर्चा
- कथन
- प्रश्न पूछना
- कक्षा कक्ष के क्रियाकलापों के संबंध में निम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है –
- अध्यापकों को छात्रों से केवल तेज बुद्धि वाले प्रश्न ही पूछने चाहिए
- अध्यापक को केवल होशियार छात्रों पर ध्यान देना चाहिए
- अध्यापकों शिक्षण के दौरान लगातार बोलना चाहिए तनिक भी विराम नहीं देना चाहिए
- उपरोक्त सभी
- निर्मितवादि कक्षा कक्ष प्रक्रिया में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका किसकी होती है –
- अध्यापक
- विद्यालय की
- विद्यार्थियों की
- अभिभावकों की
- सामान्य कक्षा शिक्षण के अंतर्गत किस व्यवहार की सर्वाधिक प्रधानता होती है –
- पुस्तक के व्यवहार की
- वाचिक व्यवहार की
- अशाब्दिक व्यवहार की
- कोई नहीं
- शिक्षण का कार्य छात्र व शिक्षक के मध्य किस क्रिया द्वारा संपन्न होता है –
- प्रक्रिया
- अनुक्रिया
- अंतः क्रिया
- कोई नहीं
- कक्षा के अंतर्गत छात्र शिक्षण अंतः क्रिया का आधार होता है –
- शिक्षण विधियां
- पाठ्यवस्तु
- सहायक सामग्री
- उपरोक्त सभी
- निमन में से कक्षा का नेता कौन होता है –
- विषयाध्यापक
- कक्षाध्यापक
- होशियार छात्र
- उपरोक्त सभी
- सामाजिक अध्ययन विषय के अध्यापन की वेशभूषा कैसी होनी चाहिए –
- धोती कुर्ता
- पैंट शर्ट
- स्थानीय समाज के अनुसार
- कोई नहीं
- कक्षा कक्ष प्रक्रिया के दौरान अधिगम को सहज-साध्य बनाने हेतु किए जाने वाले क्रियाकलाप है –
- छात्र के अनुभव को उपयोग करना
- अभी प्रेरणा प्रदान करना
- अधिगम क्रियाकलापों को उपलब्ध कराना
- उपरोक्त सभी
- कक्षा कक्ष में शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षक द्वारा अधिगम क्रियाकलापों को उपलब्ध कराने का उदाहरण है –
- किसी सूत्र को पढ़ा देने के बाद छात्रों को उसे सूत्र के प्रयोग द्वारा कुछप्रश्नों को करने के लिए देना
- छात्रों द्वारा प्रश्न का उत्तर न दिए जाने पर उत्तर देना
- पढ़ाई गई पाठ्य पुस्तक का सारांश दोहाना
- उपरोक्त सभी
- एडूसेट का संबंध किससे है –
- शिक्षा से
- पर्यावरण से
- केवल सामाजिक विज्ञान विषय से
- उपरोक्त में से कोई नहीं
- भाषा सीखने का आधार है –
- बालक की जिज्ञासा
- बालक के अनुकरण की स्वाभाविक वृतियां
- उपरोक्त दोनों
- बालक का चलना
- भाषा सीखने के लिए कौन सा कारक सर्वाधिक महत्वपूर्ण है –
- पाठ पर आधारित प्रश्न उत्तर
- भाषा की श्रव्य दृश्य सामग्री
- स्मृद्ध भाषिक वातावरण
- भाषा की पाठ्य पुस्तक
- उसने पढ़ा, उसने पाया और उसने चीखा , जैसे भाषा प्रयोग दर्शाते हैं –
- नियम का ज्ञान न होना
- संदर्भ की समझ ना होना
- नियमों का अति सामान्य करण
- नियम कंठस्थ ना होना
- भाषा का प्राथमिक रूप है –
- मौखिक
- लिखित
- व्याकरणिक
- रचना
- भाषा प्रयोग की कुशलता संभव है –
- भाषा की पाठ्य पुस्तक पढ़ने से
- साहित्य की पुस्तकें पढ़ने से
- भाषा सुनने से
- अधिक से अधिक भाषा प्रयोग से
- भाषा सीखने की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण ज्ञानेंद्रियां है –
- आंख
- कान
- उपरोक्त दोनों
- त्वचा
- भाषा सीखने की प्रक्रिया के चरण हैं –
- श्रुति बिंब
- दृष्टि बिंब
- विचार और भाव बिंब
- उपरोक्त सभी
- भाषा सीखने में सबसे महत्वपूर्ण बिंब है –
- दृश्य विव
- श्रुति बिब
- विचार बिब
- भाव बिंब
- भाषा विकास की कौन सी अवस्था ध्वनियों पर आधारित है –
- प्रथम
- द्वितीय
- तृतीय
- चतुर्थ
- भाषा विकास की द्वितीय अवस्था के संदर्भ में सही कथन हैं –
- बालक लिखने लगता है
- बालक भाषा के सार्थक वाक्य बोलने लगता है
- बच्चे ध्वनियों का अनुकरण कर अभ्यास करने लगता है
- बालक वाक्यों पर विचार करने लगता है
- बालक में भाषा विकास पूर्ण होती हैं –
- दो अवस्था में
- तीन अवस्थाओं में
- 4 अवस्थाओं में
- 5 अवस्थाओं में
- बालक में भाषा सुनकर समझने की कुशलता , भाषा के प्रयोग से…. ही होती है –
- पहले
- बाद
- एकान्तर
- समानांतर समानांतर
- बालक की भाषा अर्जन में महत्वपूर्ण योगदान होता है –
- मौन वाचन का
- मौखिक वचन का
- लेखन का
- अनुकरण
- बालक स्वाभाविक रूप से अपने घर और समाज के वर्तमान से अर्जित करता है –
- शब्द
- वाक्य
- भाषा
- व्याकरण
- बालक की भाषा दक्षता के विकास की अवस्थाओं का सही क्रम है –
- ध्वनि-शब्द- अर्थ-व्याकरणिक अवस्था
- शब्द-ध्वनि-अर्थ-व्याकरणिक अवस्था
- अर्थ-शब्द-ध्वनि-व्याकरणिक अवस्था
- ध्वनि-अर्थ-शब्द-व्याकरणिक अवस्था
- प्राथमिक स्तर पर छात्रों की भाषा से संबंधित क्षमताओं का विकास करने का अर्थ है –
- ध्वनियों में अंतर को पहचानने का अधिकार
- भाषा अनुकरण की कुशलता पर अधिकार
- कुशलता पर अधिकार
- भाषा लेखन की कुशलता पर अधिकार
- भाषा दक्षता के विकास क्रम में बालक –
- भाषा संबंधी कोई त्रुटि नहीं करते हैं
- भाषाई उच्चारण में हमेशा त्रुटि करते हैं
- ध्वनियों के अंतर को नहीं पहचानते हैं
- भाषा नियमों को स्वाभाविक रूप से ग्रहण करते हैं
- भाषा दक्षता के विकास में शिक्षण सूत्र का प्रयोग होता है –
- कठिन से सरल की ओर
- सरल से कठिन की ओर
- अज्ञात से ज्ञात की ओर
- अमूर्त से मूर्त की ओर
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