व्यवहारवाद और गेस्टाल्टवाद | शिक्षा मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण संप्रदाय

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व्यवहारवाद और गेस्टाल्टवाद | शिक्षा मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण संप्रदाय : – इस भाग में शिक्षा मनोविज्ञान के महत्तवपूर्ण सम्प्रदायों में से दो संप्रदाय Behaviorism And Gestaltism का विस्तृत वर्णन दिया गया है। इस भाग में इन सम्प्रदायों से सम्बंधित प्रसिध्द मनोवैज्ञानिकों के मतों का भी समावेश किया गया है।


व्यवहारवाद

  • बीसवीं शताब्दी के तीसरे दशक में मनोविज्ञान के व्यवहारवादी संप्रदाय का विकास हुआ।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकन मनोवैज्ञानिकों के एक समूह ने मनोविज्ञान को व्यवहार के विज्ञान के रूप में स्वीकार किया।
  • जॉन ब्रॉड्स वाटसन (J. B. Watson ) इस समूह के प्रवर्तक थे।
  • अंत: यह व्यवहारवाद के जनक माने जाते हैं।
  • व्यवहारवादी एक ओर जहाँ रचनावाद प्रकार्यवाद के कट्टर विरोधी थे वंही वे अंतरदर्शन तथा चेतना के प्रत्येक की व्यवहारिक उपयोगिता को जरा भी स्वीकार नहीं करते थे
  • उन्होंने केवल महसूस करने योग्य तथा मापने योग्य व्यवहार पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
  • व्यवहारवादी ने सीखने पर बल दिया
  • इन्होंने मानव व्यवहार को समझने के साधन के रूप में पशु व्यवहार के अध्ययन पर जोर दिया।
  • व्यवहारवादी शरीर मस्तिष्क के बीच किसी रहस्य को स्वीकार नहीं करता है।
  • यह उस विधि की खोज करना चाहता है जो व्यक्ति के व्यवहार को आवश्यकतानुसार नियंत्रित कर सके।
  • वाटसन ने माना कि किसी मौलिक उद्दीपन के साथ में उद्दीपक को जोड़कर व्यक्ति को कोई भी बात समझाई जा सकती है।
  • जैसे बच्चे को बिल्ली दिखाई, तेज आवाज हुई, बालक चिल्लाया लेकिन कुछ दिनों के बाद यदि बिल्ली ना चिल्लाए फिर भी वह डरता है।
    • यह मुख्य सिद्धांत इयान पावलव का है।
  • अधिगम, अभिप्रेरणा तथा पुनर्बलन पर जोर देना व्यवहारवादियों की एक प्रमुख विशेषता थी।
  • शिक्षण अधिगम क्षेत्र में व्यवहारवाद का व्यापक प्रभाव पड़ा।
  • जे बी वाटसन का व्यवहारवाद संप्रदाय रूसी मनोवैज्ञानिक एवं पेट्रोविच पावलव के परीक्षणों के परिणाम पर आधारित है।
  • व्यवहारवाद के अनुसार-
    • मनोविज्ञान का उद्देश्य मानव व्यवहार की व्याख्या नियंत्रण एवं उसके संबंध में भविष्यवाणी करना है।
    • व्यवहारवाद संप्रदाय में दंड, अप्रिय अनुभवों आदि के स्थान पर पुरस्कार प्रयोग किया जाता है।

गेस्टाल्टवाद Behaviorism And Gestaltism

  • इसको समग्रवाद के नाम से भी जाना जाता है।
  • बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में जर्मनी में मनोविज्ञान के समग्रवाद नामक संप्रदाय का उद्भव हुआ।
  • गेस्टाल्ट जर्मन का शब्द है जिसका अर्थ पूर्ण आकार अथवा व्यवस्थित समग्र है।
  • मैक्स वर्दीमर, कुर्ट कोफ्का, कोहलर, कुर्त लेविन कुछ प्रमुख गेस्टाल्ट वादी थे।
  • इनके अनुसार अनुभव तथा व्यवहार को अलग-अलग हिस्सों में करके अध्ययन नहीं किया जा सकता है।
  • गेस्टाल्ट वादियों के अनुसार अवयवों की तुलना में संपूर्ण अनुभव अधिक महत्वपूर्ण है।
  • इन्होंने सीखने में अंतर्दृष्टि की भूमिका पर जोर दिया है।
  • गेस्टाल्ट मनोविज्ञान के अनुसार-
    • किसी भी वस्तु या परिस्थिति को समग्र रूप में देखता है ना कि इसमें सम्मिलित तत्वों के समूह के रूप में। Behaviorism And Gestaltism
    • यही कारण है कि किसी परिस्थिति समस्या के समाधान के समय अंतर्दृष्टि की प्रमुख भूमिका रहती है।
  • उनके अनुसार यह अंतर्दृष्टि की समस्या का तत्काल समाधान प्रस्तुत करती है।
  • गेस्टाल्ट वादी सीखने के उद्देश्य तथा अभीप्रेरणा पर विशेष जोर देते है।
  • व्यवस्थित पाठ्यक्रम निर्माण, अंतविषय अधिगमन, शिक्षा उद्देश्य तथा अभिप्रेरणा पर बल गेस्टाल्टवाद की देन है।
  • पूर्ण से अंश की ओर शिक्षण पद्धति इसी संप्रदाय की देन है।
  • गेस्टाल्ट वादी के अनुसार –
    • कोई व्यक्ति किसी वस्तु को उसके समग्र रूप में देखता है अथवा ग्रहण करता है।
    • भारत मानव के व्यवहार का अध्ययन खंडों में संभव नहीं है।
    • यह एक प्राचीन सिद्धांत है जो गतिशीलता के सिद्धांतों में विश्वास रखता है।

FAQ Behaviorism And Gestaltism

1. गेस्टाल्ट किस भाषा का शब्द है ?

ANS. यह जर्मन भाषा का शब्द है ।

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2. गेस्टाल्ट शब्द का क्या अर्थ है?

ANS. गेस्टाल्ट जर्मन का शब्द है जिसका अर्थ पूर्ण आकार अथवा व्यवस्थित समग्र है।

3. व्यवहारवाद के प्रवर्तक कौन है ?

ANS. जॉन ब्रॉड्स वाटसन (J. B. Watson ) इस समूह के प्रवर्तक थे।

4. व्यवहारवाद सम्प्रदाय का विकास कब हुआ था ?

ANS. बीसवीं शताब्दी के तीसरे दशक में मनोविज्ञान के व्यवहारवादी संप्रदाय का विकास हुआ।

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